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2024-12-12 15:23:48
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2024-12-12 15:35:44
सुरजपुर। सुरजपुर जिले के प्रेमनगर विकास खंड के अंतर्गत ग्राम तारा में नेशनल हाईवे 130 में एक अज्ञात वाहन की ठोकर से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। मृतक उदयपुर विकास खंड में स्थित पीईकेबी कोल माइंस (आडानी माइंस) केते परसा का कर्मचारी था। जिसके राहत आपदा राशि तत्काल में मांग को लेकर बड़ी संख्या में रात्रि आक्रोशित ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे में चक्का जाम किया है। जिससे सैकड़ों की संख्या में वाहन खड़ी रही, ये जाम करीब 4 घंटे तक रहा, जिससे 10 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइन रही। पुलिस एसडीओपी, एसडीएम के द्वारा समझाइश के बाद आंदोलन शांत हुआ है।
गौरतलब है कि प्रेमनगर उदयपुर विकास खंड के ग्राम केते, परसा में स्थिति पीईकेबी कोल माइंस (आडानी माइंस) का कर्मचारी मृतक सुदर्शन यादव उम्र 40 वर्षीय, ग्राम पतुरियाडांड, चौकी मोरगा का निवासी, माइंस में कार्य करके बीते 10 जुलाई को अपने हीरो बाइक स्प्लेंडर प्रो से अपने घर पतुरिया डांड जा रहा था कि तभी ग्राम पंचायत तारा में देर रात्रि करीब 9 बजे रात्रि में बाजारडांड चौक के पास एनएच-130 में सड़क हादसा में दुर्घटना हो गई। जिससे मृतक के दोनों आंख अंदर घुंस गए है। सर के अंदर का दिमाग़ बाहर आ गया था। घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने मृतक के लिए मुआवजे की मांग करते हुए शव को सड़क में रख कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। कंपनी के प्रतिनिधियों के न पहुंचने और उचित आश्वासन न मिलने से आक्रोश बढ़ने लगा, ऐसे करते सड़क में वाहनों की लंबी लाइन लगने लगी और पुलिस स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश और बढ़ने लगा था। करीब रात के 12 बज गए थे।
इस बीच फिल्मी स्टाइल में प्रेमनगर एसडीपीओ नरेंद्र पुजारी मौके में पहुंच कर हमर उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश साहू, आम आदमी पार्टी के नेता अभय सिंह राजपूत को पुलिस हिरासत में लेकर भीड़ को छीतर बितर करने की कोशिश करने लगी, इस बीच आंदोलन कारियों ने दो व्यक्ति के गिरफ्तारी को लेकर आंदोलन में डटे रहे, पुलिस के समझाइश, रामानुजनगर एसडीएम, प्रेमनगर तहसिलदार के समझाइश के बाद करीब 1 बजे रात्रि में मामला शांत हुआ, रात्रि में पुलिस, और प्रशासन ने शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रेमनगर में पीएम करने के लिए शव को भेज दिया था। जिसके सुबह 11 दिसंबर को प्रेमनगर से लेकर कोरबा की पुलिस चप्पे चप्पे में तैनात थी। शव को लेकर माइंस में किसी तरह के आंदोलन ना इसको लेकर पुलिस रक्षित केंद्र सूरजपुर से पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात की हुई थी। शव का पीएम होने के बाद मृतक के घर तक पुलिस पहुंच कर शव को पंच तत्व में विलीन होने के बाद वापस आई है।
हमर उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पुलिस, प्रशासन अडानी माइंस के कर्मचारी की तरह कार्य करते है। माइंस को तत्काल में सहायता राशि दिया जाना था किंतु प्रशासन उन्हें मौके पर नहीं बुलाई है। जिस कारण से लंबे समय तक जाम की स्थिति निर्मित था। जबकी माइंस इस क्षेत्र से करोड़ों, अरबों रुपए का प्रतिदिन कोयला तस्करी कर रहा है। आम आदमी बस मरने के लिए है, आम जन के मौत के बाद भी माइंस कुछ नहीं देता है। किसी छोटे कंपनी में नौकरी देकर इतिश्री कर देते है। जबकि मृतक के राहत आपदा राशि मोटी रकम के तौर पर दिया जाना चाहिए था। साथ ही माइंस का रेगुलर एम्प्लोई बनाना चाहिए।