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बीईओ पर मध्याह्न भोजन संचालक समूह ने लगाया रिश्वत लेने का आरोप, जिला शिक्षा अधिकारी बना रखें है संरक्षण

by admin on 2024-12-23 17:41:49

बीईओ पर मध्याह्न भोजन संचालक समूह ने लगाया रिश्वत लेने का आरोप, जिला शिक्षा अधिकारी बना रखें है संरक्षण

पूर्व में लगते रहे है आर्थिक अनियमितता का गंभीर आरोप


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सीएम जतन योजना में लाखों के घोटाला करने, फर्जी कार्य कर भुगतान करने का लगा है आरोप, जांच अब तक लंबित 


Cp sahu

सुरजपुर। जिले के राजनीतिक गलियारा कहे जाने वाले रामानुजनगर विकास खंड के प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी पंडित भारद्वाज के विरुद्ध स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मध्यान्ह भोजन में खाद्यान्न सप्लाई का राशि निकालने के एवज में रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप समूह की पदाधिकारियों ने लगाई है। जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लिखित शिकायत देकर कार्यवाही की मांग की है। जिस पर तत्काल संज्ञान में लेकर जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल ने जांच हेतु दो सदस्यीय टीम गठित की है। 

                         जानकारी के अनुशार रामानुजनगर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी पंडित भारद्वाज पर विद्यालयों में मध्यान भोजन संचालित करने वाले स्वयं सहायता समूह ने कुकिंग कास्ट की राशि आहरण करने के बदले में पैसा लिए जाने का आरोप, स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के लिए खाद्यान्न सामग्री सप्लाई करने वाले समूह के सदस्यों ने लगाई है। इन्होंने लिखित में जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर को शिकायत पत्र दिया है। दुर्गा महिला स्व सहायता समूह मकरबंधा के अध्यक्ष श्रीमती फूलकुंवर ने बताया कि गत 20 दिसंबर 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर को शिकायत कर उल्लेख किया है कि कुकिंग कास्ट की राशि जो बैंक से आहरण होता है उस पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी का हस्ताक्षर अनिवार्य है, तभी बैंक से पैसा निकाला जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि राशि आहरण प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के एवज में विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने 5 मार्च एवं 25 अगस्त 2024 को एक एक हजार रुपये रिश्वत लेकर प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है। बैंक से कुकिंग कास्ट की राशि का आहरण के लिए स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को  हस्ताक्षर कराने के लिए चार-पांच दिन ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है और रिश्वत देने पर ही हस्ताक्षर किया जाता है।


स्व. सहायता समूह स्वतंत्र बॉडी होंने के खंड शिक्षा अधिकारी का हस्ताक्षर कुकिंग कास्ट आहरण प्रस्ताव पर आवश्यक क्यों ?


विकासखंड रामानुजनगर में 146 स्व सहायता समूह मध्यान भोजन का संचालन कर रहे हैं। दो या तीन माह में जब भी समूह के खाते में कुकिंग कास्ट का पैसा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से रिलीज होता है तो खंड शिक्षा अधिकारी मध्याह्न भोजन लाभान्वित छात्रों की उपस्थिति के अनुसार समूह के खाता में लागत राशि ट्रांसफर करते हैं, जब समूह अपने पैसे का आहरण खाता से करना चाहते हैं तो विड्राल के साथ-साथ समूह का प्रस्ताव पत्र भी लगता है। खंड शिक्षा अधिकारी रामानुजनगर ने 28 अक्टूबर 2024 को सभी बैंकों को एक पत्र लिख करके सुनिश्चित किया है कि समूहों के आहरण प्रस्ताव में जब तक खंड शिक्षा अधिकारी रामानुजनगर के हस्ताक्षर एवं सील ना हो राशि का आहरण नहीं किया जाए। इस आदेश के अनुसार केवल प्रस्ताव और विड्रॉल पर बैंक समूह को कुकिंग कास्ट की राशि नहीं देते हैं। 




- नियम बना कर करते है अवैध वसूली

वैसे तो कुकिंग कास्ट की राशि का आहरण जब समूह करते हैं तो नियम के अनुसार बैंक से राशि आहरण के लिए विड्रॉल जिसमें अध्यक्ष एवं सचिव के हस्ताक्षर सील हो तथा समूह के एक प्रस्ताव की आवश्यकता होती है इस प्रस्ताव पत्र पर किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर की का नियम ही नहीं है। अगर कोई अधिकारी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के लिए बाध्य करता है तो यह नियम के विपरीत है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बकायदे जो बैंकों को पत्र लिखा है उसी से मजबूर होकर के समूह के लोग प्रस्ताव पत्र पर हस्ताक्षर कराने के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामानुजनगर का चक्कर लगाते हैं जिसका फायदा उठाकर के पंडित भारद्वाज समूहों से लगातार पैसा उगाही करते हैं। इस मामले में बैंक की भी भूमिका संदिग्ध दिख रही है। 


डीईओ ने शिकायत पर गठित किया जांच दल

सुरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल ने प्राप्त शिकायत पर जांच के लिए दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया है जिसमें सहायक संचालक शिक्षा सूरजपुर श्रीमती लता बेक एवं वरिष्ठ प्राचार्य लेफ सिंह, बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजपुर को जांच का जिम्मा दिया गया है। जांच दल गत 19 दिसंबर को शिकायतकर्ता समूह के पास पहुंचकर बयान आदि दर्ज कराया है। तथा मामले की जांच अन्य समूह तक किया है, संभवत एक दो दिन बाद जिला शिक्षा अधिकारी को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया जा सकता है। जिसे समूह की महिलाओं ने सार्वजनिक करने की मांग की है।


जिला शिक्षा अधिकारी क्या निर्णय लेते हैं ! 

वैसे तो विकासखंड शिक्षा अधिकारी पंडित भारद्वाज भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी के कई आरोप इन पर हैं। इनकी शिकायत विभाग, जिला प्रशासन एवं कमिश्नर तक की जा चुकी है विकास खंड शिक्षा अधिकारी का उच्च अधिकारियों के बीच गहरी पैठ है । इसलिए जांच के नाम से केवल  खाना पूर्ति ही होती है और जांच की फाइलें धूल खा रही है।

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