by Admin on 2025-04-24 04:12:57
सूरजपुर। सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विकासखंड के ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) राजेश कुजूर पर शैक्षणिक सत्र 2024-25 की किताबों के वितरण में घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। हमर उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश साहू ने कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कर बीआरसी राजेश कुजूर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि शासकीय धन से खरीदी गई किताबें स्कूलों में वितरित न कर बीआरसी कार्यालय के गोदाम में धूल खा रही हैं और इन्हें कबाड़ी को बेचने की साजिश रची जा रही थीं।
हमर उत्थान सेवा समिति ने बीते दिनों कलेक्टर को दिए अपने शिकायत में बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किताबें खरीदी गई थीं। इन किताबों का वितरण स्कूलों में समय पर कर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने का लक्ष्य था। लेकिन बीआरसी अधिकारी राजेश कुजूर की लापरवाही के कारण सत्र खत्म होने के बावजूद किताबें स्कूलों तक नहीं पहुंचीं। शिकायत के अनुसार, ये किताबें बीआरसी कार्यालय के गोदाम में धूल खा रही हैं और अब इनका शैक्षणिक उपयोग नहीं हो सकता, क्योंकि नया सत्र शुरू हो चुका है। आरोप है कि राजेश कुजूर इन किताबों को कबाड़ी को बेचने की फिराक में थे, जो शासकीय धन का दुरुपयोग और गंभीर अपराध है।
स्मार्ट क्लास और सीएम जतन योजना में भी भ्रष्टाचार के आरोप
शिकायत में बीआरसी राजेश कुजूर पर केवल किताब वितरण में लापरवाही तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य योजनाओं में भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायत के अनुसार, पूर्व के वर्षों में स्मार्ट क्लास के लिए प्राप्त राशि का दुरुपयोग किया गया। लाखों रुपये की राशि से खरीदे गए सामानों को कार्यालय में नहीं लाया गया और क्रय नियमों का उल्लंघन कर फर्जी भुगतान किया गया। इसके अलावा, सीएम जतन योजना के तहत स्कूलों में स्वीकृत राशि में से 30 प्रतिशत कमीशन शिक्षकों से वसूलने का आरोप भी लगाया गया है। इस कारण स्कूलों में निर्माण कार्य अधूरे रह गए, जबकि भुगतान पूर्ण दिखाया गया। लोक यांत्रिकी विभाग, सूरजपुर ने भी इन कार्यों को संतोषजनक बताया, जबकि धरातल पर कार्य आधा-अधूरा है।
शिकायत के बाद हड़कंप, किताबें वितरित करने का दबाव
शिकायत की सूचना मिलते ही बीआरसी राजेश कुजूर ने अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश शुरू कर दी। उन्होंने तत्काल संकुल समन्वयकों को कार्यालय बुलाकर गोदाम में रखी किताबों को स्कूलों में वितरित करने का दबाव बनाया। सूत्रों के अनुसार, अधिकांश संकुल समन्वयकों ने किताबें अपने स्कूलों में वितरित कर दी हैं, ताकि लापरवाही को छिपाया जा सके। हालांकि, यह कदम सत्र खत्म होने के बाद उठाया गया, जब किताबों का शैक्षणिक उपयोग संभव नहीं है।
संविदा समाप्ति कार्यवाही की मांग
हमर उत्थान सेवा समिति ने बीआरसी राजेश कुजूर की लापरवाही और भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध बताते हुए उनकी संविदा सेवा समाप्त करने और उनके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि राजेश कुजूर की कार्यशैली से शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचा है और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। समिति ने जिला प्रशासन से इस मामले की गहन जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों में इस लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में इस तरह की अनदेखी और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
प्रेमनगर विकासखंड में बीआरसी अधिकारी राजेश कुजूर के खिलाफ लगे ये आरोप शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हैं। किताब वितरण में देरी, शासकीय धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के इन आरोपों की जांच समय की मांग है।जिला प्रशासन को इस मामले में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई कर जनता का विश्वास बहाल करना होगा।