by Admin on 2025-05-11 10:06:06
"चंद्र प्रकाश साहू"
सूरजपुर। जिला चिकित्सालय सूरजपुर, जो पहले भी कई आर्थिक अनियमितताओं और घोटालों के लिए चर्चा में रहा है, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार केंद्रीयकृत ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना के नाम पर 83 लाख रुपये से अधिक की राशि के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घोटाले में पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आर.एस. सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक षड्यंत्र की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
रायपुर की यूनिक इंडिया कंपनी के प्रोपराइटर जयंत चौधरी ने सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक से शिकायत कर इस घोटाले का खुलासा किया। चौधरी के अनुसार, 13 सितंबर 2021 को उन्हें जिला चिकित्सालय सूरजपुर में मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (MGPS) संयंत्र स्थापित करने के लिए 83.21 लाख रुपये का कार्यादेश मिला था। उन्होंने निर्देशानुसार सभी सामग्री अस्पताल को भेज दी, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। बाद में जांच में पता चला कि उनकी राशि का भुगतान दंतेवाड़ा की एक अन्य कंपनी, जिसका नाम उनकी कंपनी से मिलता-जुलता है, को कर दिया गया।
आरोप है कि तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आर.एस. सिंह ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों और दंतेवाड़ा की यूनिक इंडिया के प्रोपराइटर आशीष कुमार बोस के साथ मिलकर यह गबन किया। चौधरी ने बताया कि 5 जनवरी 2022 को 50 लाख रुपये और 31 जनवरी 2022 को 31.85 लाख रुपये की राशि का गबन किया गया। शिकायत के बाद भी कार्रवाई में देरी होने पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई।
पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद कोतवाली पुलिस ने डॉ. आर.एस. सिंह, लिपिक सहायक जेम्स कुजूर, सेवानिवृत्त लेखापाल विजय सिन्हा, फार्मासिस्ट सहायक सकिरन दास और आशीष कुमार बोस के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 419, 467, 468, 471 और 120(बी) के तहत प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जिला चिकित्सालय से जुड़ा यह ताजा घोटाला स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा रहा है। पूर्व में भी इस अस्पताल में दवाइयों की खरीद, उपकरणों की आपूर्ति और अन्य कार्यों में अनियमितताओं के आरोप सामने आ चुके हैं, जिसके चलते यह मामला और भी गंभीर हो जाता है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता इनके कार्यकाल में हुए समस्त प्रकार के क्रय की सूक्ष्मता से जांच करने की मांग की गई है।