by Admin on 2025-06-26 08:06:42
सुरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के छोटे से ग्राम बरहोल से निकलकर सुरेश भारती ने अपनी मेहनत और लगन से जो मुकाम हासिल किया, वह हर किसी के लिए प्रेरणा है। एक दलित परिवार में जन्मे सुरेश ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को पार करते हुए शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का जुनून रखते हैं।
सुरेश ने अपनी पढ़ाई के प्रति शुरू से ही गहरी रुचि दिखाई। कक्षा दसवीं और बारहवीं में नगर में प्रथम स्थान प्राप्त कर उन्होंने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। यहीं नहीं, उन्होंने डबल एम.ए. और एम.बी.ए. की डिग्री हासिल कर अपनी शैक्षणिक योग्यता को और मजबूत किया। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में सक्रिय योगदान दिया, जिससे उनकी समाज में एक सम्मानित छवि बनी। ग्रामीणों की समस्याओं को सुलझाने और जागरूकता फैलाने में उनकी भूमिका को जितना सराहा जाए, कम है।
सुरेश का करियर भी उनकी मेहनत का जीवंत उदाहरण है। मात्र 18 वर्ष और 5 दिन की उम्र में उन्होंने अपनी पहली नौकरी शिक्षा कर्मी (श्रेणी-3) के रूप में हासिल की। इसके बाद जनपद पंचायत में बाबू के पद पर कार्य किया। अपने करियर में उन्होंने सात अलग-अलग नौकरियों में सेवाएं दीं, लेकिन हर बार नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पिछले पदों को छोड़ दिया। वर्तमान में वे राजस्व विभाग में बाबू के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
हाल ही में सुरेश ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की प्रारंभिक परीक्षा 2024 में शानदार सफलता हासिल की। यह उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। अब सभी की निगाहें उनकी मुख्य परीक्षा पर टिकी हैं। CGPSC के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार, राज्य पुलिस सेवा (DSP), राज्य वित्त सेवा अधिकारी, जेल अधीक्षक जैसे प्रतिष्ठित पदों पर भर्ती होती है। 2024 की परीक्षा में कुल 246 पदों की घोषणा हुई है, जिसमें डिप्टी कलेक्टर (7 पद) और नायब तहसीलदार (10 पद) शामिल हैं। सुरेश की योग्यता और अनुभव को देखते हुए, यदि वे मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डिप्टी कलेक्टर या नायब तहसीलदार जैसे सम्मानजनक पद मिलने की प्रबल संभावना है।
सुरेश की कहानी केवल व्यक्तिगत सफलता की नहीं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा और योगदान की भी है। उन्होंने न केवल अपनी शिक्षा और करियर में उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि अपने सामाजिक कार्यों से ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने में भी योगदान दिया। उनकी यह यात्रा हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है, जो अपने सपनों को सच करने का हौसला रखता है। CGPSC मुख्य परीक्षा में उनकी सफलता की प्रतीक्षा पूरे सूरजपुर जिले को है, और यह निश्चित है कि उनकी मेहनत उन्हें एक प्रभावशाली और सम्मानजनक मुकाम तक ले जाएगी।