by Admin on 2025-07-01 16:17:53
प्रेमनगर, 01 जुलाई 2025: शिक्षक साझा मंच ने अपनी चार प्रमुख मांगों—युक्तियुक्तकरण रद्द करने, क्रमोन्नति हेतु जनरल ऑर्डर, पूर्व सेवा की गणना सहित पेंशन लाभ, और बीएड अनिवार्यता में छूट—को लेकर एक बार फिर जोरदार आवाज उठाई। मंगलवार को प्रेमनगर ब्लॉक मुख्यालय से तहसील कार्यालय तक रैली निकालकर शिक्षक साझा मंच ने मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव, और लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर के नाम ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन शिक्षकों की पीड़ा और आक्रोश का प्रतीक है, जो अब आंदोलन का रूप ले चुका है।
रैली का नेतृत्व ब्लॉक संचालक कमलेश्वर प्रसाद यादव, राम बरन सिंह, राम लल्लू साहू, विजय साहू, और पुष्पराज पांडेय ने किया। कमलेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि सरकार एक ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पारदर्शी प्रशासन की बात करती है, वहीं दूसरी ओर सूरजपुर जिले में 02 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण आदेश में गंभीर विसंगतियां और धांधली के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि 2008 में वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पदों के अनुरूप युक्तियुक्तकरण नहीं हुआ, जिससे शिक्षकों की नियुक्ति असंतुलित, अनुचित, और पक्षपातपूर्ण रही। साझा मंच ने मांग की कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो और युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया तत्काल रद्द की जाए।
इसके अतिरिक्त, शिक्षक श्रीमती सोना साहू को माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के W.A. 261/2023 प्रकरण में 28 फरवरी 2024 को पारित निर्णय के आधार पर पूर्व सेवा की गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान और एरियर्स का लाभ दिया गया। साझा मंच ने मांग की कि यह लाभ प्रदेश के सभी पात्र शिक्षकों को प्रदान किया जाए और सरकार इस हेतु जनरल ऑर्डर जारी करे। साथ ही, एल.बी. संवर्ग के शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा की गणना कर पेंशन, ग्रेच्युटी, और सेवानिवृत्ति लाभ देने की मांग की गई। वर्तमान में पूर्व सेवा को नजरअंदाज करना संविधान और न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन है।
शिक्षक साझा मंच ने यह भी बताया कि एल.बी. संवर्ग के शिक्षक वर्षों से डी.एड. योग्यता के साथ कार्यरत हैं, लेकिन पदोन्नति में बीएड अनिवार्यता के कारण बड़ी संख्या में शिक्षक वंचित हो रहे हैं। पूर्व में डी.एड. के आधार पर व्याख्याता और प्राचार्य बनाए गए थे, फिर अब यह भेदभाव क्यों? साझा मंच ने प्राचार्य के 10% पदों को विभागीय परीक्षा से भरने की भी मांग की।
साझा मंच ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करती, तो शिक्षक विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और पारदर्शी, न्यायसंगत व्यवस्था लागू करेगी।
रैली में कमलेश्वर प्रसाद यादव, राम बरन सिंह, राम लल्लू साहू, विजय साहू, अरविंद पांडेय, दिनेश अर्गल, सुनिल निकुंज, ओमप्रकाश साहू, नकुल प्रसाद कुर्रे, लक्ष्मण सिंह, टहल राम सिंह, आदित्य ध्रुव, अमरजीत यादव, रामस्नेही साहू, डी.सी. प्रसाद, शिवप्रसाद सिंह, बनवारी यादव, सुखदेव सिंह, तिलक राम, लालदेव टेकाम, रूप चंद्र सिदार, श्रीमती कुसुम सिंह, दीपमाला दास, रुमारानी मंडल, तेरेसा खलखो, ऊषाकिरण कुजूर, शशि लकड़ा सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।